*प्रो.आशुतोष सिंह आत्महत्या की सीबीआई जांच हो:-जीवनधारा संघ संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद पाण्डेय *
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नालासोपारा के प्रसिद्ध गणितज्ञ शिक्षक प्रो.आशुतोष सिंह की वसई स्टेशन पर ट्रेन से की गयी आत्महत्या. की न्यायिक जांच सीबीआई से कराने की मांग जनसेवा के लिए सदैव तत्पर एनजीओ जीवनधारा संघ की ओर से महामहिम राष्ट्रपति महोदय को प्रेषित पत्र के हवाले से की जा रही है। जिसमें बताया गया है कि एक होनहार गणितीय प्रोफेसर को किन कारणों से मौत को
ट्रेन के सामने गले लगाने पर मजबूर. होना पड़ा।
ज्ञात रहे कि नालासोपारा निवासी स्व.प्रो.आशुतोष सिंह गणित के होनहार शिक्षक नालाशोपारा व विरार,मुंबई में कोचिंग क्लासेस पीबीआर द साइंस हब के जरिये जीविकोपार्जन पर लगे हुए थें। जिन्होंने विगत वर्ष 8 नवबंर को प.रेलवे की वसई स्थानक की प्लेटफार्म नं.5 पर मेल ट्रेन के सामने खड़े होकर आत्महत्या कर ली।
जानकारी मिली है कि उनके कोचिंग क्लासेस के चार पार्टनर्स ने उन्हें आत्महत्या करने जैसे कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। पार्टनर्स ने न कि विजनेस में लाखों की धोखाधड़ी की बल्कि उन्हें मानसिक टार्चर भी करते हुए परिजनों को जान से मरवाने की बराबर धमकी देते रहे।प्रो.आशुतोष के कार्यकुशलता पर अंगुली उठाते हुए उनका भविष्य समाप्त करने की रट लगाने लगे। जिनके कारण विक्षिप्त सा होकर विजनेस में मिली धोखाधड़ी से हताश गणित के होनहार शिक्षक ने आखिरकार ट्रेन के सामने जाकर आत्महत्या कर लिया।
एनजीओ जीवनधारा संघ का मानना है कि आशुतोष आत्महत्या करने वाले इंसान नही थे परिजनों से उन्हें जानकारी मिली है कि पार्टनर्स की गलत रवैया व धोखाधड़ी से आहत हो उन्होंने ऐसा कदम उठाया है। जिसकी निष्पक्षता से यदि सीबीआई से जांच कराई जाय तो जरूर उनके साथीदारों द्वारा की गयी कुत्सित साजिश से पर्दा उठ सकता है।
जीवनधारा एनजीओ के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद क.पाण्डेय ने राष्ट्रपति महोदय को संबोधित पत्र के हवाले से बताया है कि परिजनों की ओर से तुलिंज पुलिस स्टेशन पालघर में चारो पार्टनर्स प्रमोद मोरे,राहुल जैन,वैभव अवस्थी व नरसिंग परमार के विरुद्ध मुकदमा संख्या 1359/2019 के तहत 306,420,406,384,120(B) 34 ये शारी धारायें के रुप में दर्ज कराया जा चुका है।जिसकी सही मायनों में सत्यता पूर्ण जांच बहुत जरूरी है।